Uttarakhand Congress में असंतोष प्रबंधन तेज, फिर भी नहीं हुई नाराज नेताओं की बैठक
Uttarakhand Congress में असंतोष प्रबंधन तेज, फिर भी नहीं हुई नाराज नेताओं की बैठक
देहरादून : प्रदेश में कांग्रेस के भीतर असंतोष प्रबंधन का असर दिखने लगा है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष के पदों पर की गईं नियुक्तियों को लेकर नाराज विधायकों के तेवर ढीले पड़े हैं। उनकी बैठक गुरुवार को भी नहीं हो सकी। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य विधायकों से मुलाकात कर उनके मन की थाह लेने में जुटे रहे।
अलग दल बनाने का अंदेशा सिरे से खारिज किया
माहरा और आर्य ने विधायकों के टूटने और अपना अलग दल बनाने के अंदेशे को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि नेताद्वय विधायकों के संपर्क में हैं। उधर, पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी प्रदेश के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी विधायकों और पार्टी नेताओं से फीडबैक लिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी जब बड़ा निर्णय करती है तो उस पर प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। कुछ लोग इससे संतुष्ट न हों, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। विधायकों के नाराज होने और अलग दल बनाने की चर्चा निराधार हैं।
विधायकों के साथ मुलाकात जारी है। जो विधायक क्षेत्रों में हैं या अपने कार्यों से विभिन्न स्थानों पर गए हुए हैं, उनसे दूरभाष पर लगातार संपर्क बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वह पहले से ही ऐसी चर्चाओं को अफवाह बता चुके हैं। विधायकों की न तो बैठक हुई और न ही होने जा रही है।
अनुशासनहीनता पर चुप नहीं बैठेगी पार्टी
विधायक हरीश धामी जिस तरह अपने बयानों में प्रदेश प्रभारी व पार्टी के नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं, उससे उन पर अनुशासन का चाबुक चल सकता है। माहरा कुछ विधायकों और नेताओं की बयानबाजी से नवनियुक्त अध्यक्ष क्षुब्ध दिखे।
किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता या व्यक्ति की बयानबाजी से पार्टी का आम कार्यकत्र्ता आहत होता है या समाज अथवा पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है तो फिर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। कुछ व्यक्तियों ने ज्यादा बोल दिया है, इस पर पार्टी को मंथन करना है। माहरा 17 अप्रैल को प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे।
कोई भी साथी पार्टी न छोड़े, अंतिम दम तक करेंगे कोशिश
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी के नाराज होकर पार्टी छोडऩे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट की पेशकश करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई साथी पार्टी न छोड़े यह कोशिश अंतिम क्षण तक की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का इतिहास दूसरे दलों को तोड़कर सरकार बनाने का रहा है। अब यह परंपरा बदलनी चाहिए। मुख्यमंत्री को लोकतंत्र की हत्या कर पद पर नहीं बैठना चाहिए। ऐसा किया जाएगा तो कांग्रेस ताकत से मुकाबला करेगी।
नेता प्रतिपक्ष आर्य ने की विधायक खुशाल अधिकारी से मुलाकात
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधायक खुशाल सिंह अधिकारी से मुलाकात की। उन्हें नाराज विधायकों में शामिल बताया जा रहा था। हालांकि मुलाकात में ऐसी कोई बात नजर नहीं आई। आर्य ने बताया कि विधायक ममता राकेश, वीरेंद्र जात्ती, रवि बहादुर से उनकी मुलाकात हो चुकी है।
हरीश धामी की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह युवा विधायक हैं। फोन पर उनकी धामी से भी बातचीत हुई। विधायकों के अलग पार्टी बनाने या टूटने की चर्चाओं का औचित्य नहीं है। सभी एकजुट हैं। उन्होंने बताया कि वह 18 अप्रैल को नेता प्रतिपक्ष का पदभार ग्रहण करेंगे।